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About Gautam Kund: गौतमकुंड मिथिला का महत्वपूर्ण पौराणिक पर्यटनस्थल है, आपको एकबार घुमने जाना चाहिये !

गौतम कुंड (Fact About Gautam Kund, Darbhanga): गौतम कुंड दरभंगा जिले में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। कहा जाता है कि गौतम कुंड का निर्माण ब्रह्मा जी के द्वारा किया गया है। ऐसी मान्यता है कि ‘पाताल गंगा’ गौतमकुंड के नीचे से गुजरती है।

मान्यता है कि गौतमकुंड (Gautam Kund is an important mythological tourist destination of Darbhanga) में स्नान करने से सभी व्याधि व पाप नाश होते हैं। यह दरभंगा जिले के कमतौल रेलवे स्टेशन से करीब 8 किलोमीटर दूर ब्रह्मपुर पश्चिमी पंचायत स्थित है। गौतमकुंड ब्रह्मपुर गांव में खिरोई नदी के पश्चिम तट पर अवस्थित है।

Fact About Gautam kund, Darbhanga: भगवान ब्रह्मा स्वयं महर्षि गौतम के लिए किया था इसका निर्माण

यह मंदिर गौतम ऋषि समर्पित है। गौतम कुंड (Important Mythological Tourist Destination of Mithila) के सम्बन्ध में कहा जाता है कि भगवान ब्रह्मा स्वयं अपने तीक्ष्ण सात बाणों के द्वारा धरती को खोद कर यह कुंड बनाये ताकि गौतम ऋषि को दूर गंगा में स्नान करने नहीं जाना पड़े।

अहिल्या स्थान और गौतम कुंड दोनों स्थान एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है जो जाले प्रखंड में अवस्थित है। जहाँ पर्यटक कमतौल रेलवे स्टेशन उतर कर आसानी से इन दोनों जगहों पर जा सकते हैं।

गौतम कुंड
गौतम कुंड

महर्षि गौतम न्याय शास्त्र के प्रथम प्रणेता माने जाते हैं

बता दें कि महर्षि गौतम न्याय शास्त्र के प्रथम प्रणेता माने जाते हैं। उनका आश्रम दरभंगा के जाले प्रखंड के ब्रह्मपुर पश्चिमी में अवस्थित है, जो गौतमकुंड के नाम से प्रसिद्ध है। यहां पर एक सुंदर मंदिर भी है।

जहां आपको श्री राम जी, माता सीता जी और लक्ष्मण जी के भी दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह दरभंगा जिले का एक महत्वपूर्ण दर्शनीय और ऐतिहासिक स्थल है।आप भी यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।

गौतम कुंड मंदिर
गौतम कुंड मंदिर

गौतमकुंड से जुड़ी कथा (Gautamakund Se Judee Katha):

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान इन्द्र और चन्द्रमा की ओर से गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या की शुद्धता उल्लंघन करने की कोशिश की गई। अपने आश्रम से इन्द्र को निकलते देख गौतम ऋषि ने अहिल्या और इन्द्र दोनों को श्रापित किया।

अहिल्या की ओर से अपनी व्यथा बताए जाने पर गौतम ऋषि ने उसे उद्धार का रास्ता भी बता दिया। त्रेता में भगवान श्रीराम जनकपुर जाने के क्रम में अहिल्या का उद्धार किया।

उद्धारस्थल अहियारी गांव में अवस्थित है। उद्धारस्थल अहिल्यास्थान के नाम से जगत प्रसिद्ध है। गौतमकुंड और अहिल्यास्थान दोनों मिथिला का महत्वपूर्ण पौराणिक पर्यटनस्थल है।

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नोट: हमारे तरफ से सटीक सुचना देने का प्रयास किया गया है। कहीं कोई त्रुटि दिखे या कोई सुझाव हो तो आप darbhangadigest4u@gmail।com पर जरुर भेजे।

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